deficiency of platelets : क्यों होती है प्लेटलेट्स की संख्या में कमी जानिए इसके महत्त्व और कारण
deficiency of platelets : डेंगू, टाइफाइड, मलेरिया या चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के होने पर रक्त में प्लेटलेट्स की कमी हो सकती है –
deficiency of platelets – रक्त एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में 5 से 6 लीटर होता है| यह शरीर का महत्वपूर्ण अंग होता है जो लिक्विड सब्सटेंस, रेड ब्लड सेल्स और वाइट ब्लड सेल्स के अलावा कई अन्य तत्वों से मिलकर बनता है। इसमें प्लेटलेट्स भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। रेड ब्लड सेल्स पूरे शरीर में ऑक्सीजन को पहुंचाने में मदद करते हैं जिससे शरीर ऊर्जावान रहता है। वाइट ब्लड सेल्स इंफेक्शन से लड़ने में मदद करते हैं।
डेंगू, टाइफाइड, मलेरिया या चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के होने पर रक्त में प्लेटलेट्स की कमी हो सकती है। इसके अलावा अधिक एल्कोहॉल या दवाओं का अधिक सेवन आनुवांशिक रोग या कीमोथेरेपी के कारण भी प्लेटलेट्स की कमी हो सकती है।
deficiency of platelets क्या होती है प्लेटलेट्स ?
deficiency of platelets – प्लेटलेट्स जिन्हें अक्सर थालसेमिया नामक रोग में कम होते हैं शरीर के रक्त में मौजूद एक प्रकार की सेल्स होती हैं ये छोटे गोलाकार और अणुमय होते हैं और उनका मुख्य कार्य रक्त शुद्ध करने के लिए खून के थक्को को जमाना है। जब कोई चोट या चोट की स्थिति होती है तो प्लेटलेट्स उस स्थान पर जम जाते हैं और रक्त के झाग बनाते है जिससे रक्तस्राव को रोका जा सकता है। इसके अलावा प्लेटलेट्स रक्तशोधक प्रक्रिया में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
deficiency of platelets प्लेटलेट्स क्यों घटता है ?
deficiency of platelets – प्लेटलेट्स की कमी कई कारणों से हो सकती है। जैसे डायबिटीज, थालसेमिया, अल्कोहॉल का अधिक सेवन या दवाओं का अधिक सेवन शामिल हो सकते हैं। इन्फेक्शन या अन्य रोगों के लिए दवाओं का इस्तेमाल भी प्लेटलेट्स की कमी का कारण बन सकता है। अन्य कारणों में आंत्र या प्रोटीन समस्याएं गर्भावस्था और या चिकित्सा प्रक्रियाओं में उपयुक्त खून स्रोत का अभाव शामिल हो सकता है।
deficiency of platelets आखिर क्यों घटता है प्लेटलेट्स ? जानिए इसके संक्रमित रोग ?
1 डेंगू –
डेंगू एक वायरल बीमारी है जो डेंगू वायरस के कारण होती है। यह वायरस मच्छरों के काटने से फैलता है। डेंगू बुखार के दौरान इस वायरस का प्रभाव प्लेटलेट्स की संख्या को कम कर deficiency of platelets सकता है। यह बीमारी प्लेटलेट्स के घटने का कारण बन सकती है जिससे रक्तचालन की क्षमता कम हो जाती है और व्यक्ति को ब्लीडिंग की समस्याएं हो सकती हैं। इसके लिए डेंगू रोगी को अधिक प्लेटलेट्स की जरूरत होती है और अगर इसकी संख्या समय पर बढ़ाई नहीं जाती है तो यह गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है।
2 हेपेटाइटिस सी वायरस-
हेपेटाइटिस सी वायरस एक वायरल इन्फेक्शन है जो लिवर को प्रभावित करता है। यह वायरस ब्लड संपर्क के माध्यम से फैलता है जैसे कि संकुचन से या संवेदनशील वस्त्रों के माध्यम से। हेपेटाइटिस सी इन्फेक्शन के दौरान वायरस लिवर को हानि पहुंचा सकता है जिससे लिवर के कार्य को प्रभावित किया जाता है। इस प्रकार की इन्फेक्शन के दौरान प्लेटलेट्स की संख्या कम हो सकती है
deficiency of platelets – यह वायरस लिवर में सूजन और क्षति का कारण बनता है जिससे प्लेटलेट्स की उत्पत्ति और संख्या में कमी हो सकती है। इसका परिणाम हो सकता है कि व्यक्ति को रक्तस्राव की समस्याएं हो सकती हैं जिससे चोटों का रक्तस्राव कम हो जाता है और चिकित्सा समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
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3 बैक्टीरियल ब्लड इंफेक्शन-
बैक्टीरियल ब्लड इंफेक्शन के दौरान शरीर का जेनरल इंफ्लेमेशन रिस्पांस प्लेटलेट्स की गणना में वृद्धि का कारण बन सकता है। इस इंफेक्शन के साथ संबंधित संक्रमण स्थलों पर वायरस की प्रचुरता से प्लेटलेट्स के बढ़ते उत्तरदायी होने का खतरा हो सकता है जो उनकी संख्या को कम कर deficiency of platelets सकता है। इसके अलावा बैक्टीरियल इंफेक्शन के दौरान शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली विकसित हो सकती है जो भी प्लेटलेट्स की संख्या में कमी का कारण बन सकती है। यह इंफेक्शन भी रक्तस्राव की समस्याओं का कारण बन सकता है जिससे चोटों का रक्तस्राव कम हो जाता है और चिकित्सा समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
4 एनीमिया –
प्लेटलेट्स एनीमिया के कई कारण हो सकते हैं जिनमें से कुछ मुख्य हैं :
- अल्कोहलिक या अनाज की खराब आहारशृण्गी : अगर आपका आहार प्लेटलेट्स उत्पादन के लिए आवश्यक पोषक तत्वों जैसे कि फोलेट या विटामिन बी-12 की कमी है, तो यह प्लेटलेट्स की संख्या में कमी का कारण बन सकता है।
- रक्त की खोई या विस्फोट: यदि किसी कारणवश रक्त का विस्फोट होता है तो इससे प्लेटलेट्स की मात्रा कम हो सकती है।
- किडनी की समस्याएं : किडनी की समस्याएं भी प्लेटलेट्स की संख्या को प्रभावित कर सकती हैं। किडनी के खराब होने पर शरीर में अधिक प्लेटलेट्स का उत्सर्जन हो सकता है।
- ब्लीडिंग विकार : यदि आपके शरीर में ब्लीडिंग विकार है तो प्लेटलेट्स की खोई जा सकती है जिससे प्लेटलेट्स की संख्या कम हो सकती है।
- इलाज के दौरान कुछ दवाओं का प्रभाव : कुछ दवाओं का उपयोग प्लेटलेट्स की संख्या को कम कर सकता है जैसे कि कैमोथेरेपी के दौरान।
प्लेटलेट्स एनीमिया का सटीक कारण निर्धारित करने के लिए एक चिकित्सक की सलाह लेना उचित होगा। उन्हें आपकी चिकित्सा इतिहास का पूरा जांच करने के बाद उपयुक्त उपचार की सिफारिश कर सकता है।
5 ल्यूपस और रुमेटीइड गठिया जैसे ऑटोइम्यून रोग –
प्लेटलेट्स कमी (deficiency of platelets) लुपस और रुमेटीइड गठिया जैसे ऑटोइम्यून रोगों में कई कारणों से हो सकती है। यहां कुछ मुख्य कारक दिए गए हैं :
- ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया : लुपस और रुमेटीइड गठिया जैसे ऑटोइम्यून रोगों में शरीर की रोगी अपने खुद के प्रतिरक्षा प्रणाली के खिलाफ लड़ाई लड़ता है जिससे प्लेटलेट्स की उत्पादन या संरक्षण में असमर्थता हो सकती है।
- संघटक अनुसंधान : इन रोगों में अंतर्निहित गांठगत अंग्रेजी में inflammation के कारण प्लेटलेट्स की उत्पादन में कमी हो सकती है।
- दवाओं का प्रभाव : इन रोगों के इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली दवाओं का भी प्लेटलेट्स पर प्रभाव हो सकता है। कुछ दवाएं प्लेटलेट्स की उत्पादन को कम करने या उनके संरक्षण को हानि पहुंचाने के लिए जानी जाती हैं।
- संग्रही रोगों का प्रभाव : इन रोगों में शरीर के अन्य क्षेत्रों में प्लेटलेट्स का अधिक संचय हो सकता है जिससे उनकी संख्या कम हो सकती है।
- रक्त के प्रवाह में विकृति : अगर रोगी के शरीर में रक्त का सामान्य प्रवाह बाधित होता है तो इससे भी प्लेटलेट्स की कमी हो सकती है।
लुपस और रुमेटीइड गठिया जैसे ऑटोइम्यून रोगों में प्लेटलेट्स की कमी का सटीक कारण निर्धारित करने के लिए एक चिकित्सक से परामर्श लेना उचित होगा। उन्हें आपकी चिकित्सा इतिहास का जांच करके उपयुक्त उपचार सुझाया जा सकता है।
deficiency of platelets प्लेटलेट्स को कैसे बढाया जा सकता है ?
deficiency of platelets – प्लेटलेट्स को बढ़ाने के लिए कुछ प्राकृतिक और चिकित्सा उपाय हो सकते हैं लेकिन कृपया ध्यान दें कि यह उपाय किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य स्थिति और चिकित्सा इतिहास पर निर्भर करते हैं। इसलिए प्लेटलेट्स को बढ़ाने के लिए बेहतर होगा कि आप एक चिकित्सक से सलाह लें। यहां कुछ सामान्य उपाय दिए जा रहे हैं:
- आहार में पोषक तत्वों का विशेष ध्यान रखें : खाद्य पदार्थों में फोलेट विटामिन बी-12 की कमी पर फलों और सब्जियों का अधिक सेवन करें।
- हेमेटोपोइटिक उत्पन्न उत्पादों का उपयोग करें : यह उत्पादों में ब्लड बिल्डिंग को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
- आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार : कुछ आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार भी प्लेटलेट्स की मात्रा को बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं जैसे कि पपीते का रस, अमला, गिलोय, गाजर का रस आदि।
- दवाइयाँ : कई मामलों मे चिकित्सक अभिनिर्दिष्ट दवाओं का उपयोग किया जा सकता है जो प्लेटलेट्स की मात्रा को बढ़ा सकती हैं।
- संशोधित चिकित्सा उपचार : अगर प्लेटलेट्स कमी (deficiency of platelets) की गंभीर स्थिति है तो चिकित्सा विशेषज्ञ आपको उपयुक्त चिकित्सा उपाय का सुझाव देंगे। इसमें रक्त संचारन (ट्रांसफ्यूजन) भी शामिल हो सकता है।
कृपया ध्यान दें कि यह उपाय आपके शारीरिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर ही लिए जाने चाहिए और सबसे अच्छा यह होगा कि आप एक चिकित्सक के साथ मिलकर इन्हें अपनाएं।
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