सफाई कर्मियों के कार्य बहिष्कार से आमजन को हुई परेशानी

सफाई कर्मियों के कार्य बहिष्कार से आमजन को हुई परेशानी

3 दिन से पूरे शहर में  गंदगी के ढेर; जगह जगह  सड़कों पर बहा गंदा पानी:

वाल्मीकि समाज के सफाई कर्मियों के कार्य बहिष्कार व हड़ताल से शहर में गंदगी का आलम देखने को मिल रहा है| सफाई कर्मचारी संगठन के बैनर तले जिला मुख्यालय पर सफाई कर्मियों ने हड़ताल का ऐलान कर पिछले तीन दिन से काम बंद किया हुआ है। इस कारण नगर परिषद के सदर बाजार जोन को छोड़कर शहर के बाकी गली-मोहल्लों, कॉलोनियों व बस्तियों आदि इलाकों में गंदगी के डेर लग गए है | कचरे के जमा होने से नालियो का गन्दा पानी सड़क पर बह रहा है।

सफाई व्यवस्था के लिहाज से 9 जोन में बंटे नगर परिषद क्षेत्र की सफाई व्यवस्था के लिए 2018 में नई भर्ती समेत नगर परिषद के पास कुल 443 सफाईकर्मी है। भर्ती के बाद से भी गैर सफाई कर्मियों के सफाई कार्य नही करने की शिकायतों के बावजूद ध्यान नही देने के कारण पिछले माह 26 अप्रैल को वाल्मिकी समाज ने हड़ताल की घोषणा की थी। जिसके बाद सभी वाल्मीकि सफाई कर्मियों ने कार्य बहिष्कार कर हड़ताल में शामिल हो गए। करीब 5 दिन चली हड़ताल के बाद पांचवें दिन 30 अप्रैल को सभापति अली अहमद की मौजूदगी में नगर परिषद प्रशासन व वाल्मीकि समाज (सफाईकर्मियों) के बीच समझौता हुआ था।

चार घंटे के बाद समझौता , वार्ता-सहमति बनी, लेकिन हड़ताल जारी:

वाल्मिकी समाज के कर्मचारी की ओर से दोबारा हड़ताल करने पर रविवार को नगर परिषद आयुक्त धर्मपाल जाट मोके पर टोंक पहुंचे। जहां पर  अग्निशमन केंद्र स्थित सभागार में पार्षद शब्बीर अहमद, सुनील बंसल, अशरफ गुज, युसुफ इंजीनियर के साथ वाल्मिकी समाज के प्रतिनिधि मंडल के साथ बात की । जिसपर कई मांगों को लेकर सहमति बनी है। सफाई मजदूर संगठन के नाथूलाल चांवरिया ने बताया कि गैर वाल्मिकी सफाईकर्मियों के जोन में वाल्मिकी समाज केसफाई कर्मचारी को लगाए जाने समेत अन्य मांगे रखी। भुगतान संबंधित मांगों को लेकर सोमवार को चेयरमैन से बात करने के बाद ही हड़ताल वापस ली जाएगी।

समझौता का परिणाम:

सफाई मजदूर संगठन के नाथूलाल चांवरिया ने बताया कि 49 सफाई कर्मचारी पांच सालों से मूल पद की जगह अन्य कार्य कर रहे थे। 30 जनवरी को हुए समझौते के तहत उन्हें वहां से हटाकर सेक्टर जोन सदर बजार में लगाया जाना था। जिसमें सभी तरह सफाई कार्य करना शामिल थे। इसमें यह भी शर्त रखी थी कि इस क्षेत्र में  वाल्मीकि समाज का कोई भी कर्मचारी ना तो काम करेगा और ना उससे काम करवाया जाएगा।

The public faced problems due to the boycott of cleaning workers

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Team ApnaTonk

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