विधानसभा चुनाव 2023, भाजपा-कांग्रेस ने अपने अपने उम्मीदवार घोषित।

देवली-उनियारा में भाजपा-कांग्रेस ने उतारे प्रत्याशी, टोंक में कांग्रेस और टोडा-मालपुरा में भाजपा प्रत्याशी घोषित।
टोंक/निर्भय मीना।
टोंक (न्यूज़ अपना टोंक) – विधानसभा चुनाव 2023 (Assembly Elections 2023) को लेकर नामांकन प्रक्रिया शुरू होने से एक पहले तक टोंक जिले की चार विधानसभा सीटों में से एक देवली-उनियारा सीट पर भाजपा-कांग्रेस ने अपने अपने उम्मीदवार घोषित करने के साथ ही दोनों ही पार्टियों द्वारा बाहरी व्यक्ति को टिकट देने से बगावत के सुर उठने लगे। जहाँ कांग्रेस ने भाजपा से पूर्व सांसद रहे व वर्तमान क्षेत्रीय विधायक हरीश चंद्र मीना पर पुनः भरोसा जताया है। वहीं भाजपा ने भी क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं व मतदाओं की भावनाओं को दरकिनार करते हुए पैरासूट से गुर्जर नेता स्व.कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला के सुपुत्र विजय बैसला को चुनावी रणभूमि में उतार दिया है। जिससे भाजपा के पूर्व स्थानीय विधायक रहे राजेंद्र गुर्जर सहित पार्टी कार्यकर्ताओं व नेताओं में भारी नाराजगी देखने को मिल रही हैं।
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होम वोटिंग मतदान कराने को लेकर एक दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न।
मतदाता जागरूकता अभियान के तहत पोस्टर हस्ताक्षर अभियान का शुभारंभ।

चारो हॉट सीटे – टोंक जिले की एक मात्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित निवाई-पीपलू, टोंक, टोडा-मालपुरा व देवली- उनियारा चारो ही विधानसभा क्षेत्र हॉट सीटे बनती जा रही हैं। बगावत के डर से देवली-उनियारा को छोड़कर तीनो सीटो पर अंतिम समय पर ही प्रत्याशियों के नाम की घोषणा होने की संभावनाएं बनी हुई है।
फूंक-फूंक कर कदम – विधानसभा चुनाव की जंग जितने के लिए भाजपा-कांग्रेस की ओर से उम्मीदवार चयन को लेकर फूंक फूंक कर कदम उठाने को मजबूर होना पड़ रहा है।
गुटबाजी – निवाई-पीपलू विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व सचिन पायलट की गुटबाजी के बीच कांग्रेस टिकट के लिए विधायक प्रशांत बैरवा, पूर्व विधायक कमल बैरवा, प्रहलाद नारायण बैरवा ओर पूर्व उपमुख्यमंत्री के पुत्र मनिंदर बैरवा लगातार जोरआजमाइस कर रहे हैं।
लुटिया डुबोने – क्षेत्र में गुटबाजी का जहर फैलाकर कांग्रेस की लुटिया डुबोने में चार में से 3 दावेदारो में से 2 दावेदार सचिन पायलट व प्रशांत बैरवा गहलोत गुट पर आस लगाए बैठे हैं।
पार्टी हित – गुटबाजी से दूर निर्विवाद पूर्व उपमुख्यमंत्री स्व.बनवारीलाल बैरवा के पुत्र मनिंदर बैरवा अपने पिता की निष्पक्ष, निर्विवाद छवि ओर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की गुटबाजी से पार्टी हित में टिकट की दावेदारी जता रहे हैं।
36 का आंकड़ा – विधायक प्रशांत बैरवा, कमल बैरवा ओर प्रहलाद नारायण बैरवा तीनो ही दावेदारों के बीच 36 का आंकड़ा जग जाहिर है।
पटखनी को तैयार:- तीनो ही एक- दूसरे को पटखनी देने के लिए खुली बगावत कर रहे हैं। जो किसी से छिपी नहीं है।
नाराजगी – प्रशान्त बैरवा के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर व कार्यकर्ताओं में भी नाराजगी देखने को मिल रही हैं।
भाजपा को सता रहा भय – अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित निवाई-पीपलू विधानसभा क्षेत्र में भाजपा का टिकट मांगने वालों की लंबी कतार आला कमान के लिए संकट बना हुआ है, लेकिन भाजपा में कांग्रेस की तर्ज पर खुली बगावत देखने को नही मिल रही है। सभी दावेदार अपने अपने तरीके से टिकट की ताल ठोक रहे हैं।
दावेदार – भाजपा टिकट को लेकर स्थानीय प्रत्याशी की मांग और रेगर समाज की मांग के चलते दो बार विधायक रहे स्व.हीरालाल रैगर के पुत्र सीताराम रैगर का सबसे पलड़ा भारी नजर आ रहा है। क्यों कि भाजपा ने स्व.रैगर को दो बार टिकट दिया और दोनों ही बार जीत गए थे। जबकि भाजपा से टिकट मांगने वालों में प्रहलाद चावला, अंकुर सालोदिया, डॉ प्रभु बाडोलिया सहित लम्बी लिस्ट हैं।
पैराशूटर का भय – भाजपा नेता रामगोपाल, गणपत सिंह राजेन्द्र सिंह ने बताया कि भाजपा की जीत के लिए स्थानीय उम्मीदवार बनाया गया तो जीत पक्की है, लेकिन बाहरी व्यक्ति को पैरासूट से उतारा गया तो पार्टी को भारी नुकसान हो सकता है।
नही मिलता तव्वजो – क्योंकि जब-जब भी बाहरी उम्मीदवार आए तो चुनाव जीतने के बाद कभी लौटकर नही आए, ओर स्थानीय पार्टी कार्यकर्ताओं को भी तव्वजो नही मिला।
हथकंडे – निवाई-पीपलू विधानसभा क्षेत्र से भाजपा का टिकट मांगने वालों की लंबी कतार के बीच कुछ लोग धन-बल पर टिकट हथियाने के हथकंडे अपना रहे हैं।
नही मिल रहा दमदार उम्मीदवार – टोंक विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस ने सचिन पायलट को पुनः प्रत्याशी बनाया गया है, अब भाजपा को सचिन पायलट से टक्कर लेने वाला कोई दमदार उम्मीदवार नही मिल रहा है। भाजपा पूर्व की भांति पैरासूट से उतरेगी या स्थानीय पार्टी के पूर्व विधायक अजीत सिंह मेहता या अन्य पर दांव खेलेगी ये भविष्य के गर्भ में है।
टोडा-मालपुरा – भाजपा की ओर से वर्तमान विधायक कन्हैया लाल चौधरी को उम्मीदवार बनाया है, लेकिन कांग्रेस को चौधरी से टक्कर लेने वाला कोई दमदार उम्मीदवार अभी तक नहीं मिल पाया है।
विरोध – बाहरी उम्मीदवार का तो टोंक,निवाई-पीपलू, टोडा-मालपुरा ओर देवली-उनियारा टोंक जिले की चारो ही सीटो पर विरोध नजर आ रहा है। टोंक में कांग्रेस प्रत्याशी सचिन पायलट भी बाहरी हैं, वही देवली-उनियारा में भाजपा के विजय बैसला व कांग्रेस के हरीश चंद्र मीना भी बाहरी उम्मीदवार है। बाकी तीन सीटों पर प्रत्याशी घोषित होने की प्रतीक्षा हो रही हैं।
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राजस्थान मुख्यमंत्री कन्यादान योजना 2023
देवली-उनियारा विजय बैसला भाजपा
देवली- उनियारा हरीश चंद्र मीना कांग्रेस
टोडा-मालपुरा कन्हैया लाल चौधरी भाजपा
टोंक सचिन पायलट कांग्रेस