उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की श्रद्धालुओं ने की पूजा।

आर्यिका विज्ञाश्री माताजी ससंघ के सानिध्य में श्री दिगम्बर जैन सहस्रकूट विज्ञातीर्थ गुन्सी में दस लक्षण धर्म में दसवें दिन Uttam Brahmacharya Dharm की पूजा की गई।
निवाई(न्यूज़ अपना टोंक)-आर्यिका विज्ञाश्री माताजी ससंघ के सानिध्य में श्री दिगम्बर जैन सहस्रकूट विज्ञातीर्थ गुन्सी में दस लक्षण धर्म में दसवें दिन Uttam Brahmacharya Dharm की पूजा की गई। चतुर्मास कमेटी के अध्यक्ष सुनील भाणजा ने बताया कि सर्वप्रथम प्रात-काल शांतिनाथ भगवान का जिनाभिषेक एवं शांतिधारा की गई उसके पश्चात सभी इंद्र ने देव शास्त्र गुरु नवदेवता पूजन, वासुपूज्य भगवान की पूजन, सोलहकारण पूजन एवं दसलक्षण विधान किया गया। विधान में 22 अघ्र्य चढ़ाए गए। विधान के पश्चात वासुपूज्य भगवान का निर्वाण कांड बोलकर निर्वाण लड्डू चढ़ाया गया। लड्डू सुनील बनेठा, पंकज सारसोप ने चढाया। कार्यक्रम के पश्चात कोथून में होने वाले वार्षिकोत्सव की पत्रिका का विमोचन किया गया।
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जैन मुनि एवं श्रावक श्राविकाओं ने किया दशलक्षण 10 दिन के निर्जरा उपवास,चतुर्दशी पर। होगें पूरे

इसके पश्चात तीर्थ पर होने वाले वार्षिकोत्सव का कलशभिषेक भी किया गया एवं 10 लक्षण उपवास करने वालों का सम्मान किया गया। इसी प्रकार अग्रवाल मंदिर में जिनाभिषेक किए गए। जिसमें विमल कुमार, कमल कुमार ने माला पहनाई। माताजी ने धर्म सभा में माताजी ने कहा कि Uttam Brahmacharya Dharm से ही सभी का कल्याण होगा। अब तक जितने भी तीर्थंकरों ने मोक्ष पद प्राप्त किया है, इस धर्म को धारण से ही किया है। इसके बिना आत्मा का कल्याण संभव नहीं है। विधान में महेश मोटूका अरविन्द ककोड़, राजेश बनेठा, हितेश छाबड़ा, जितेंद्र झिलाय, डब्बू संघी, मुकेश बनेठा, विमल बगड़ी, पदमचंद टोंगिया, अशोक जैन सहित कई श्रद्धालु मौजूद थे।
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