दुर्गा अष्टमी पर्व पर हुए धार्मिक अनुष्ठान और हवन।

दुर्गा अष्टमी पर्व (Durga Ashtami festival) को लेकर रविवार को घर-घर में कुलदेवी की पूजा हुई। सुबह से ही महिलाएं मां की पूजा की तैयारी में लग गई। महिलाओं ने शुद्धता से माता का प्रसाद तैयार किया।
निवाई (न्यूज़ अपना टोंक) – दुर्गा अष्टमी पर्व (Durga Ashtami festival) को लेकर रविवार को घर-घर में कुलदेवी की पूजा हुई। सुबह से ही महिलाएं मां की पूजा की तैयारी में लग गई। महिलाओं ने शुद्धता से माता का प्रसाद तैयार किया। उसके बाद घरों में माताजी की चौकी लगाकर ज्योत जलाई और विधिवत पूजा-अर्चना की। ज्योत दर्शन के बाद माता की आरती कर प्रसादी का भोग लगाया। अष्टमी पर माताजी के मंदिरों एवं बालाजी के मंदिरों में हवनकुंड में आहुतियां दी। इस दौरान मंदिरों व घरों में श्रद्धालुओं द्वारा कन्या पूजन कर प्रसादी जिमाई। शहर के काली कंकाली माता मंदिर में विधिवत पूजा अर्चना कर विशेष झांकी सजाई गई।
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मूण्डिया से बारह बालाजी धाम बडोदिया चाकसू के लिए पदयात्रा रवाना।
शाम को कंकाली माताजी के मंदिर में आयोजित महाआरती में 2100 दीपकों से श्रद्धालुओं ने महाआरती की। शहर के प्राचीन मोरियां वाले बालाजी, बावड़ी वाले बालाजी, कारखाने वाले बालाजी, नया मंदिर, राधागोपाल मंदिर, चारभुजानाथ मंदिर, कुंजबिहारी आश्रम, परमहंस आश्रम, ब्रह्माणी माता मंदिर, ज्वालामुखी माता मंदिर, बूढ़ला बालाजी, बिजाष्ण माता मंदिर गुंसी व चनानी में दुर्गा अष्टमी पर्व (Durga Ashtami festival) पर कई धार्मिक अनुष्ठान और कार्यक्रम आयोजित हुए तथा झांकी सजाई गई।
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